Abhaya Sharma Poems

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11.
Kshama - क्षमा

क्यों मै अपनी रातें
काली करता हूं
क्या मिलता है
जो दीप जलाये बैठा हूं
...

12.
Pita-Putra पिता-पुत्र

पिता-पुत्र की अलग कहानी
है तुमको फिर आज सुनानी
कहती थी जो मेरी दादी-नानी
लगती थी वो बातें बड़ी सयानी
...

13.
Apeksha - अपेक्षा

अपने इस जीवन-यापन में
कहीं ऎसा कुछ कर जाना है
जग याद रखे इस दुनिया में
एक ऎसा भी है इंसान हुआ
...

14.
Durga Stuti - दुर्गा-स्तुति

हे दुर्गे अंबे जगदम्बे
जग की काली माँ
शरण तुम्हारी आया है
एक भक्त अनोखा माँ ।
...

15.
Lakir ke Fakir - लकीर के फकीर

रात के तम को चलो हम चीर दें
इस जगत को एक नया हम पीर दें
भाईचारे-शांति का पावन अनोखा तीर दें
चल सके इस विश्व में योद्धा नया एक वीर दें
...

16.

When the heart takes over the mind.
When a rush of emotion penetrates the being.
When a warmth pervades the flush on our skin.
When dew shaped invisible capsules begin to swell under the eyes.
...

17.
Andhkaar - अंधकार

इन अंधेरे रास्तों में
गुम कहीं हो जाऊंगा
और तुमसे दूर होकर
जब न तुमको पाऊंगा
...

18.
Nai Kavitaai - नई कविताई

रात आधी जब है होती
और दुनिया सोई होती
तब मेरे हाथों में आकर
कोई लिखवाता है जाकर
...

19.
Prashn - प्रश्न

जहां नही संघर्ष
वो जीवन कैसा है
सुख हो न हो दुख
वो सुख कैसा है?
...

20.
raahgir - राहगीर

खो गये मिल कर भी जो
उनसे कोई कुछ क्या कहे
मंज़िलों के पास आकर भी
भटकते रास्ते चलते गए
...

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