hilal chandausvi

hilal chandausvi Poems

कि इससे पेशतर मंज़र सभी वीरान हो जायें ।
चलो आओ कि ख़ुद में हम सभी इंसान हो जायें ।

ग़रीबों में भी थोड़ी रोशनी तक़सीम कर देना-
...

इक दीया जगमगाता रहा रात भर।
दिल की दुनिया सजाता रहा रात भर।

ग़म के तूफ़ान में दिल की दहलीज पर-
...

The Best Poem Of hilal chandausvi

काट आये हैं

एक ग़ज़ल- - -

तअल्लुक और उमीदों के शजर हम काट आय है।
हज़ारों मील का लम्बा सफ़र हम काट आये है।

ज़रा देखे मुहब्बत कब तलक पलकों पे रखती है-
रिवायत के सभी ज़ेरों ज़बर हम काट आये है।

ये साहिल से कहो अब तो हमें आगोश में ले ले-
सफ़र में जो मुख़ालिफ़ थे, भँवर, हम काट आये है।

बरहना सर, सुलगती धूप, और पावों में छाले थे-
सफ़र दुश्वार था जानम, मगर हम काट आये है।

न रोकेगा कोई नन्हें परिन्दों को उड़ानों से-
अमीरे शह्र के मजबूत पर हम काट आये है।

सुना है आज उस बंजर ज़मीं पर फूल खिलते है-
तुम्हारे साथ जिस पर रात भर हम काट आये है।

ख्याल आता है जब हमको तो आँखें भीग जाती है-
हिलाल' उसकी तमन्नाओं के पर हम काट आये है।

hilal chandausvi
(chandranshu tiwari)

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