सफलता Poem by Vaishnavi Singh

सफलता

हर उदेश्य की पूर्ति सफलता नहीं,
राह में आई हर बाधा विफलता नहीं,
सफलता की परिभाषा सही -
मत छोडो आशा कहीं.

जो कठिनाई देख नहीं रुकता,
जो हार के आगे नहीं झुकता,
जो विजय में भी विनम्र है,
उसके लिए हार केवल भ्रम है.

प्रतिपूर्ण परिस्थिति जिसके लिए सिर्फ एक समय है,
भयभीत न होकर वह अभय है,
विजेता न होकर भी वह विजय है,
पराजय को अस्वीकार कर अजय है.

जो सूरज के साथ नहीं ढलता,
जो वक़्त के साथ है चलता,
जिसका मन अटल है,
वही यथार्थ सफल है.

Monday, September 14, 2015
Topic(s) of this poem: inspiration
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
It is an inspirational poem. A successful person is the one who fights all obstacles in his way and achieves his goal. He does not sets with the sun but moves with time; works hard and is truly successful.
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