सदभाओ का पैग़ाम है बिहारी एलेक्शन Poem by NADIR HASNAIN

सदभाओ का पैग़ाम है बिहारी एलेक्शन

Rating: 5.0

सदभाओ का पैग़ाम है बिहारी एलेक्शन
हिंदू ना मुसलमान है बिहारी एलेक्शन
नफ़रत की सियासत को हम पहचान गए हैं
जनता का है फ़रमान ये बिहारी एलेक्शन


जुमले नहीं अवाम को अब काम चाहिए
जम्हूरियत का सच्चा निगहबान चाहिए
महगाई रहे दूर अमन शांति रहे
बदलाओ की शुरुआत है बिहारी एलेक्शन


गोविंद, महावीर, मौर्या, बौध की धरती
आर्या, कुंवर, अशोक की चाणक्या की धरती
तुझ पे है फ़ख़्र देश को जे.पी की सरज़मीं
क़ायम किया मिसाल है बिहारी एलेक्शन

: नादिर हसनैन

सदभाओ का पैग़ाम है बिहारी एलेक्शन
Sunday, November 15, 2015
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COMMENTS OF THE POEM
Mithilesh Yadav 23 January 2016

Grrt composed...... Like it..... Thanx for sharing grt penned

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Rajnish Manga 15 November 2015

In the backdrop of results Bihar assembly election, you have paid a rich tribute to the people of Bihar and the values it upholds, its culture and the historical richness of the state. Thanks. जुमले नहीं अवाम को अब काम चाहिए जम्हूरियत का सच्चा निगहबान चाहिए

0 0 Reply
Kumarmani Mahakul 15 November 2015

जुमले नहीं अवाम को अब काम चाहिए जम्हूरियत का सच्चा निगहबान चाहिए महगाई रहे दूर अमन शांति रहे बदलाओ की शुरुआत है बिहारी एलेक्शन- - - really these should be. So nicely depicted the poem on the basis of election.

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