नया साल आया है Poem by Tarun Upadhyay

नया साल आया है

पुराने जख्म भर जाएँ.....
तो कह दें हम भी कि
अब नया वक़्त आया है
दिलों से दर्द मिट जाए...
तो कह दे हम कि
अब खुशियों का साया है....
हवाओं में घुली सिसकियों
के बीच...
कैसे कह दें कि मनाओ
नया साल यारों
पुरानी तकदवीर बदलने कि
जरा सी भी आहट मिल जाए
तो कह दें हम भी कि
नया साल आया है..... अंजलि पंडित

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