हम तो उनके आने की आश Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

हम तो उनके आने की आश

हम तो उनके आने की आश लगाए बैठे हैं,
वे मुझसे मुख मोड़ कर बैठे हैं
, कोई तो जाकर उनको मनाओ यार!
, हम तो उनके सामने से न उठे हैं।

Friday, April 6, 2018
Topic(s) of this poem: love
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