स्वस्थ भारत Poem by Ajay Srivastava

स्वस्थ भारत

मासूम दिल को यू ना कष्ट दिया करो।
यू ना सिगरेट की धुंए को दिल से लगया करो।

मधपान से इतना प्यार ना जताया करो।
कमसिन और जवान जिंदगी बदसूरत न बनाया करो।

गंदगी को ऐसे ना निमंत्रण दिया करो।
खूबसूरत वातावरण को यूँ दूषित किया करो।

अंग प्रदर्शन की शैली को इतनी आजादी ना दिया करो।
कुछ तो डेंगू और चिकन बुनिया से डरा करो।

आधुनिक और शिक्षित होने का कुछ तो अहसास दिलाया करो।
कुछ तो दिशा निर्देश का पालन किया करो।

आदर्श नागरिक होने का प्रमाण दिया करो।
थोड़ा सा प्रेम भारत वर्ष को देकर, अपने यश और गुरुर में चार चाँद लगया करो।

स्वस्थ  भारत
Saturday, October 8, 2016
Topic(s) of this poem: health
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Ajay Srivastava

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