पधारो म्हारा देश Poem by Dr Dilip Mittal

पधारो म्हारा देश

पधारो म्हारा देश, पड़ोसी के लिये पलक पावणे बिछा देंगे
तुम जवानों के सिर काट लो, हम चुप नहीं बैठेंगे, कहकर सो जायेंगे

आतंक का नंगा नाच दिखाओ, भेदिये जुटा देंगे
कोई हमारे सब्र कि परीक्षा ना ले, और हम एक बार फिर फेल हो जायेंगे

खूब रेल जलाओ, अपहरण करो, आतंकी रिहा करा देंगे
शोर शराबा किया तो, सम्प्रदाइकता का आरोप लगा, ध्यान बटा देंगे

विदेशी व्यापारियों को बुलाओ, बिचोलियों का बाजार लगा देंगे
अपने उद्योगों का गला घोंटकर, प्रतिस्पर्धा के फायदे गिना देंगे

दहशतगर्दों को पनाह दो, आँख पर पट्टी लगा लेंगे
कमीशन के हथियारों से सेना को सजा देंग
पधारो म्हारा देश, पलक पावणे बिछा देंगे

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राजनीती पर व्यंग
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