मृत्यु Poem by Jaideep Joshi

मृत्यु

मृत्यु में,

पीड़ा है, दुर्योग है;
शोक है, वियोग है।
भय है, विलाप है;
कष्ट है, प्रलाप है।
दुःख है, विषाद है;
अवसाद है, प्रमाद है।
व्यथा है, रूदन है;
नैराश्य है, क्रन्दन है।

उनके लिए,
जो पीछे छूट जाते हैं।

स्वयं के लिए,
मृत्यु में मुक्ति है।।

COMMENTS OF THE POEM
Kavya . 25 June 2013

a very different meaning given to death, Mrityu Mukti hain...well said.....

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