असफलता Poem by Ajay Srivastava

असफलता

दूसरो की असफलता पर हसने वालो
बेकार मे अपनी ऊर्जा बर्बादकरने वालो
जीवन के एक दो क्षेञ मे असफल होने से
जीवन रूक नही जाता, क्षेञ तो कई हैं 11

असफलता क्या हैं फिर से कोशिश
करने की प्रेरणा ही तो है बार बार
आत्म मूल्यांकन सोच को विवश करने के लिए
उठ चल इस राह को बदल नई दिशा की और 11

हिंसा फेलाने वालो नफरत बढाने वालो
तुम्हारी उम्र बहुँत कम है
बस उचित समय की प्रतीक्षा है
हर रात की सुबह तो निश्चित है 11

इस लिए असफलता से न
कभी ऩिराश मत कर खुद को
एक नई दिशा की और चल आगे कदम बडा
सफलता खुद ब खुद सर झुकाए चली आएगी 11

COMMENTS OF THE POEM
Abhishek Mishra 26 September 2013

Beautiful poem sir..really loved it: -)

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success