मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश हम नहीं Poem by Yashvardhan Goel

मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश हम नहीं

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वक़्त थम सा गया साँसों से बेचैनी चुराकर.,
तेरी आँखों में खोकर जिंदगी को होश अब नहीं

करतें हैं कोशिश गुजर जाने की लम्हे,
मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश हम नहीं!

COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 13 November 2017

प्रेम में खो जाने का अनुभव तथा बेख़ुद भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति. धन्यवाद, मित्र.

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