महरबान जिंदगी Poem by royal khatana

महरबान जिंदगी

महरबान जिंदगी


हर परिंदा उड़ता असमान है,
इस दुनिया का हर शख्स अनजान है,
हर बुढा, ब्च्चा नौ जवान है, हर गली चौरहा नादान है
हर किसी का नया फरमान है हर मजहब के दर पे दरबान है

जिंदगी बहुत महरबान है! !

हर झोपडी में रोशनदान है, रोज़ कितनी गलती करते हैं हम इसका वहाँ अनुमान है
भारत में रास्ट्रगान है घर घर में पहलवान है
मेरी पहचान में मेहमान है और उसमे भगवान है
ये भारत मेरा जान ऎ जहान है ये रॉयल खटाणा कि ज़ुबान है

जिंदगी बहुत महरबान है! !

हर कॉरनर पे मिठाई कि दुकान है
रहा सब आसान हैं पर शर्त इम्तिहान है
शान है आन है मान है फिर भी मुशकिल घमासान है
हर स्व्तंत्र सेनानी, नेता का ऐलान है भारतवासी वरदान है
इस मुल्क में सब इंसान हैं और उनमे कहीं न कहीं जवान है

जिंदगी बहुत महरबान है! !

हर फूल पत्ते का ईमान है और घास पे मैदान है
हर गरीब का अमीर पे अहसान है फिर भी उसका घर समसान है क्योकि अमीर साला हैवान है
नेत्रदान रोशनदान है खूनदान भी जीवनदान है और कन्या दान सब सुःखों कि खान है
समय बहुत बलवान है खेत का किसान है और रूपा का बनियान है
ये रॉयल का ज्ञान महान है अभिमान और जिंदगी का बयान है तो दोस्तों करो प्यार जिंदगी से क्योंकि ये रॉयल खटाणा मनीष का बखान है और मकान है

जिंदगी बहुत महरबान है! ! ! ! ! ! ! Royal Khatana Manish

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