हमारी कोम पर मरने वालों
हमारी रक्षा करने वालो
करते हैं हम आज तुमहे सलाम
हिंदुस्तान की रक्षा करने वालों
भगत सिंह राजगुरू महात्मा गांधी
सुभाष चंद्र बॉस झाँसी की रानी
हिंदुस्तान ने ये हीरे दिये
जिनोह ने लड़ी आज़ादी की लराई
और हो गयी अंग्रेजो की विदाई
फिर आया वो दिन सुहाना
वो पहली सुबह वो चिरियो का चह्चहाना
ये था दिन पंद्रह अगस्त 1947
जिस दिन मिली थी हमें आज़ादी
और तब से लहराया जाता है तिरंगा हर साल
कर देते है हम एक दिन देश के नाम
ये दिन है खुसी का
पर होता है एक गम
जब हुआ विभाजन देश का
और रो परे हम
कर दिये टुकड़े दो देश के कुछ गदारो ने
और तब आया एक खुनी सेलाब
जब जिनाह ने सुनाया एक नया पैगाम
कहा जिसने हमें चाहिए अपना एक मुस्लिम मुल्क
और बन गए दो मुल्क हिंदुस्तान और पाकिस्तान
जैसे हो कोई एक मियान में दो तलवार
ना जाने कितनो की गयी थी जान उसदिन
जब आपस में लड़े हिन्दू सिख और मुस्लिम
कही हिन्दू सिख मरे
तो कही कोई मारे मुस्लिम
काप जाये रूह भी जब याद आये वो दिन
तब से होती है दोनों मुल्को में तकरार
पर बाज़ नहीं आता है ये पाकिस्तान
करता है छुप कर हमला हर बार
पर सुकर है के सरहदों पर खड़े है देश के जवान
जो करते है हमारी हिफाज़त दे कर अपना बलिदान
जय हिन्द'
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