मैंने कहा मोह्हबत है Poem by Shubham Singh

मैंने कहा मोह्हबत है

मैंने कहा मोहब्बत है,
उन्होंने कहा इलाज करें|

मैंने कहा दर्द है,
उन्होंने कहा हुआ करें|

मैंने कहा सांसें भी रुक रुक के आ रही है
लगता है चल न दूँ,
उन्होंने बड़ी तहज़ीब से कहा खुदा करे|

Saturday, February 14, 2015
Topic(s) of this poem: love and pain
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