बंजर है ज़मीं, बस बंजर है,
ये दिल की ज़मीं, बस बंजर है,
ढूंढने हम चले, फिरदोस ख़ुदा,
क्या मिला था हमको? , क्या मिला? ,
तारे जग के, सब तोड़ेंगे,
ये सोचा था मगर, ख़ुद ही टूट गया,
पाँओं मैं छाले, कर बैठे,
टूटे - टूटे, ख़ुद को ही, कंकर पत्थर, हम कर बैठे,
टोटे - टोटे, रूह हुई,
हवाओं मैं हवा, हम बन बैठे,
अब देख ना, मेरे, दिल के ज़ख़म,
नासूर उन्हें हम, कर बैठे,
निर्वान बब्बर
All my poems & writing works are registered under
INDIAN COPYRIGHT ACT,1957 ©
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem