Hindi Haiku Grass Poem by S.D. TIWARI

Hindi Haiku Grass

घास के बिना

मरुस्थल में पृथ्वी

नंगी रहती

घास ही तो है

लाखों जीवों का भक्ष

लाखों का घर


पेट भरती

स्वयं पानी पीकर

घास औरों का

सर्दी की रात

घास को नहाने को

ओस ही काफी


सुन्दर पार्क

निगम का गौरव

लोगों का प्यार

लोग सुनाते

सुख दुःख की कथा

हरे पार्कों को


सुन्दर पार्क

निगम का गौरव

लोगों का प्यार

लोग सुनाते

सुख दुःख की कथा

हरे पार्कों को


बहती जाये

बिना शोर मचाये

गहरी नदी


निशुल्क घास

मानव हेतु धन

धरा का वस्त्र

पशु बेचारे

न बोते ना काटते

चारा पा जाते

सुन्दर लान

पड़ोसियों की irshya
Meri shaan


लाल बत्ती पे

खड़ी गाड़ी में पीता

चालक धुआं

गरम तवा

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