Hindi Haiku (Phool) Poem by S.D. TIWARI

Hindi Haiku (Phool)

गले क्या पड़ा
हुई दिल की हार
फूलों का हार

फूलों के आगे
भौरा भुनभुनाता
अपनी व्यथा

शरमा जाते
गुड़हल के फूल
चाँद को देख

पुष्प पंखुड़ी
उसकी पुस्तक में
अभी भी पड़ी

आँधी क्या जाने
सुमन की सुगंध
गर्व में डूबी

पुष्प न होते
कैसे प्रसन्न होते
देवी देवता

फूल न होते
चमन में बहारे
कहाँ से होती

महक उठी
हाइकू फुलवारी
शब्दों के फूल

ठहर जाती
फूलों के पास हवा
गंध चुराने

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