प्रेमगीत Hindi Poem Poem by Pravin Sawant

प्रेमगीत Hindi Poem

प्रेमगीत

सून मेहबूबा मै तेरा हुआ
जिने का मुझको बहाना मिला

तेरा ही नाम लेके धडके मेरा दिल
तेरे बिना है अब जिना मुश्किल
तेरे खायलो मे गुजरे रात और दिन
तू सदा साथ रहे धूप हो या सावन
सून मेहरबा इकरार हुआ
जिना तेरेबीन दुश्वार हुआ...

तेरे हि हाथो मे है मेरी तकदीर
तू मेरी पहली और आखिरी मंजिल
अब न कोई गम हो बस ख़ुशी हरपल
तू सदा पास हो कांटे हो या हो फुल
सून दिलरुबा ऐतबार हुआ
जिना तेरा मेरा आसान हुआ

कवी-प्रवीण

Monday, June 29, 2015
Topic(s) of this poem: hindi
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
na
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success