Hindustan Poem by Anjum Firdausi

Hindustan

दिया हम सब ने , है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।

आज घिरे हैं नफरत से हम
ख़तरे में है जान ।

घर की नारी ख़ुद बे घर है,
भटक रहा शैतान ।

चीख़ रही है शिक्षा दीक्षा,
तड़प रहा विद्वान ।

दिया हम सब ने है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।

देश की जनता देख रही है,
है बदहाल किसान ।

लहू से जिसने की है मुहब्बत,
है दानव इंसान ।

दिया हम सब ने है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।

नेता देश को तोड़ने वाला ।
ज़ालिम है , बेईमान ।

है मासूम गरीब का बेटा,
लगा दिया इल्ज़ाम ।

हिम्मत है बस सच लिखने की,
है रब का एहसान ।

दिया हम सब ने है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।

रचना &लेख: -अंजुम फिरदौसी
Anjum Firdausi

Block: -AliNagar, Darbhanga, Bihar

Hindustan
Saturday, January 28, 2017
Topic(s) of this poem: nazm
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Anjum Firdausi

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Alinagar, Darbhanga
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