लाठी चार्ज Lathi Charge (Hindi) Poem by S.D. TIWARI

लाठी चार्ज Lathi Charge (Hindi)

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लाठी चार्ज

अब भी है करवाती सरकार लाठी चार्ज
सत्याग्रह दबाती सरकार कर लाठी चार्ज
सन अठाईस में इतिहास बना जब
करवाया था साइमन ने लाठी चार्ज।
सैंतालिस बाद हजारों की संख्या में
देख चुका देश अब तक लाठी चार्ज।
प्रशासन बोलता है उसको बल प्रयोग
बर्बरता से करवा देता है लाठी चार्ज।
बिखरे जूते, चप्पल, लोग क्षत विक्षत
बिलखते, भागते होवे जब लाठी चार्ज।
लोगों की भूमि छीनती, दबाती आवाज
चुनी हुई सरकार, करके लाठी चार्ज।
अपना देश, अपने जन, अपनी लाठी
अपनों पर ही हो जाती है लाठी चार्ज।

- एस. डी. तिवारी

Tuesday, March 4, 2014
Topic(s) of this poem: government,sad
COMMENTS OF THE POEM
Savita Tyagi 26 December 2017

At least over there you have only lathe charge. Here guns are taken out and blasted for even small disobedience!

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Rajnish Manga 09 December 2014

लाठी चार्ज वास्तव में ही दुर्भाग्यपूर्ण है. वंचित तथा पीड़ित तबके ही अक्सर इसका शिकार बनते हैं. कविता में इस बर्बरता की ओर ध्यान खींचने के लिए आपक धन्यवाद.

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