मछली रानी (MACHALI RANI) Poem by Nirvaan Babbar

मछली रानी (MACHALI RANI)

मछली रानी बड़ी सयानी,
जल मैं विचरण करती है,

जल मैं ही जीवन है जीती,
जल मैं ही नव संसार वो रचती है,

छोटे - छोटे, बड़े से बड़े, कई आकारों मैं मिलती है,
प्यारी - प्यारी, मछली रानी, अनगिनत रंगों से सजती है,

निर्वान बब्बर

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