मन्नत तो हमने
मन्नत तो हमने मानी थी
जन्नत की भी इच्छा की थी
पर सब को चाहा कहाँ मिलता है?
अपने को अपना कौन कहता है! मन्नत तो हमने
आपने फूल बिखेर दिए
हमें ख़ुशी का माहौल दे दिए
हम सोचते रहे 'क्या यही प्रेम का सन्देश है'
मन में कुछ आदेश तो नहीं है! मन्नत तो हमने
आपका कहा सर आंखो पर
उझाला हो या अँधियारा पर
पर चाह यही है आप बने रहे
हमारे सरताज बने और चमकते रहे। मन्नत तो हमने
मन से धीरे से यह डर भी निकल गया
आपने धीरे से मुस्कुरा दिया
आँखों में चमक लाकर आपने फिर हंस दिया
हमारे मन में भी जैसे प्यार का इजहार कर दिया। मन्नत तो हमने
आप ना नहीं कर पाएंगे
हमारी बात जरूर से मानेंगे
हम लब्जो में कुछ नहीं कह पाएंगे
बस धीरे से कान में फुस फुसाएँगे। मन्नत तो हमने
आप ना नहीं कर पाएंगे हमारी बात जरूर से मानेंगे हम लब्जो में कुछ नहीं कह पाएंगे बस धीरे से कान में फुस फुसाएँगे। मन्नत तो हमने
welcoem saba rahil Unlike · Reply · 1 · Just now today
x welcoem neha crystal das Unlike · Reply · 1 · Just now today by
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rajeshwar singh Unlike · Reply · 1 · Just now 3 hours ago