मंज़िल
मंज़िल को पाना इतना आसान नहीं
और पा भी लो तो कोई एहसान नहीं
यह तपस्या और लगन है
जिया बस उसी में ही मगन
मंज़िल तो मैंने पा ली है
पर वो वचन की पक्की है
कही भी ओछी हरकत उसे पसंद नहीं
कोई गलत बात का विवाद भी नहीं
खूबसूरत ऐसी जैसे गुलाब फिक्का लगे
सुबह की शांति में जैसे गुंजन होने लगे
उसकी आवाज में मिठास है
हमें भी अच्छा लगता उसका सहवास है
यह सिलसिला बस चलता रहे
मेरे कारवाँ को बस पथदर्शक मिलता रहे
उनके आने से ही बस दिल बागबाग हो जाता है
उनका मुझे मालूम नहीं पर आभास जरूर हो जाता है
मंज़िल राज हमें पता नहीं
हमें उनके बारे में जानना भी नहीं
बस वो खिलते रहे, महकते रहे
हमारी रहह में कभी कभी आते रहे
में पुकारू और वो मुझे सामने दिख जाए
बस दिल में थोड़ी सी ख़ुशी भर जाए ]
तमन्ना बस छोटी सी है
अरमान जगे है पर आरजू खोटी नहीं है
Mohan Lohani Is it possible to get her after ' Tapasya' and 'Lagan'? 52 mins · Unlike · 1
Hasmukh Mehta welcome......Ajamal Vankar, Reetu Anamika Sharma
Ankit Vyas Bahot badiya post nice line 7 hrs · Unlike · 1
Hasmukh Mehta welcome satya prakash Just now · Unlike · 1
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Manzil Rajput and Puck Kanya Suwancharoen like this. Hasmukh Mehta welcome 8 mins · Unlike · 1