निखरा निखरा पाएंगे
यादों से लिपटी तेरी हरकत
बज़मे ही समजा उसकी नजाकत
नहीं नसीब होती हर के भाग्य
मे समजू मेरा नसीब और सौभाग्य।
तस्वीर बनती नहीं चेहरा भी सामने आता नहीं
कमबख्त दिन भी कटता नहीं
अफ़सॉस यही है की मन कही लगता नही
बार बार मन में आता ओर रूलाता यही।
उस जन्नत का नजारा क्या होंगा?
तेरी चाहत का दुसरा नाम क्या होंगा?
मुझे पता नहीं संसार मे और क्या क्या होंगा
बस मेरा मक़सद तो तुजी को पाना होंगा।
में पास ही तो हूँ बस नजरकर लो
अपनी आंखोमे युही समाके देख लो
दुनिया के सब रंग सामने आएंगे
चेहरे की रौनक को निखरा निखरा पाएंगे
में पास ही तो हूँ बस नजरकर लो अपनी आंखोमे युही समाके देख लो दुनिया के सब रंग सामने आएंगे चेहरे की रौनक को निखरा निखरा पाएंगे
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Sam Bajwa Shukeriya Unlike · Reply · 1 · 6 hrs