राम बोला, रहीम बोला
राम बोला, रहीम बोला
जो भी बोला, दिल से बोला
पर इमान मेरा, कभी न डोला
सच ही बोला, सही राह पर चला।
सुबह मेरी उसके नाम से शुरू
माना है उसको दिल से गुरु
कीर्तन भी पसंद, बंदगी को भी सराहा
इशु को भी माना मेरा मसीहा।
जहर का बिज किसने बोया?
क्या हमने पाया और क्या खोया
इसका अन्जाम अब क्या होगा?
इंसानियत का नाम ही मिटेगा।
में पुछु रब से अब क्या है करना
डर डरकर कब तक है जीना
न मस्जिद में बसता है खुदा
ना मंदिर में है मेरा काना।
सब ने फैलाया है डर का अन्धेरा
अब तो लादो प्रभु सुखका सवेरा
में करू विनती अय मेरे मालिक
राहत दे दो और शांति तनिक।
ले चल मुझे उस तट के पार
जहाँ बस रहे है मेरे किरतार
मै ना जानू, बस रटना जानू
तेरी शरण में आना चाहू।
खोल दे आँखे सब बन्दोंकी
सोचे खुशहाली सभी अपनों की
जीवन हो जाए सफल और मंगल
कभी ना पीड़ा कर दे, ख़ुशी को अमंगल
Chanchala Inchulkar Soni Awesome 10 hours ago · Unlike · 1
Om Neerav ???? ?? ??? ?? ??! ???? ???! 10 hours ago · Unlike · 1
Tribhawan Kaul Waaah...ati sunder rachna 15 hours ago · Unlike · 1
welcomechanchla antaryami a few seconds ago · Unlike · 1
Taran Singh likes this. Hasmukh Mehta welcome a few seconds ago · Unlike · 1
Kalyani Jha bhut hi achchha hain LAJBAB 9 hours ago · Unlike · 1
welcome rakama mission a few seconds ago · Unlike · 1
Rajneesh Garg likes this. Hasmukh Mehta welcome a few seconds ago · Unlike · 1
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
Monnmani Antaryami bohot acchha hai... 9 hours ago · Unlike · 1