Tanhaion Ke Pal Poem by milap singh bharmouri

Tanhaion Ke Pal

बन के इक आस नई दिल पे छा जाते है
भूले बिसरे लम्हे जब याद आ जाते है

मुझको होती है तुमसे मिलने की खवाइश
जब तेरे प्यार के पल सपनों में आ जाते है

फिर से जीने की तमन्ना करता है दिल
जब तेरे हुस्न के जलबे झलक दिखा जाते है

फिर से मंजिल की तरफ बनता है रुख
फिर कई मकसद जहन में मेरे आ जाते है

प्यार जिन्दगी में बड़ा जरूरी है 'मिलाप'
वरन तनहाईय़ौं के पल जिन्दगी खा जाते है

POET'S NOTES ABOUT THE POEM
milap singh
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success