ग़लतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
दोनो इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नही...!
' तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही '...! !
' ग़लत फ़हमियों ने कर दी दोनो में पैदा दूरियाँ,
वरना फितरत का बुरा तू भी नही, मैं भी नही'
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