Rohitashwa Sharma Poems

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1.
प्रतीक्षा और अभिलाषा

प्रतीक्षा और अभिलाषा

राह देखते आँखें ठहरी, आजाओ ना पास प्रिये
छोड़ जहाँ की दुनियादारी, आओ कुछ पल साथ जियें
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