Sonu Sahgam Poems

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1.
कौन यहाँ?

-: कौन यहाँ? : : -

जख्मों को हमारे, मरहम लगता, कौन यहाँ?
जीने की लाठी जो टूट चुकी, जोड़ता, कौन यहाँ?
...

2.
खुद के अंतर मन में

-: खुद के अंतर मन में: -

दुनिया में जीने का,
सलीक़ा ढूंढ़ रहा हूँ ।
...

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