हे मेरे प्राणप्रियतम, प्रिय प्राण!
हो तुम, कृपानुग्रहकारी महान।
तूने किये मुझपर अनन्त उपकार,
...
हे जातवेदा! करते आवाहन, करुणामयी पुरष्कारकारिणी।
सव^सुख समृद्धि सिद्धि अधिष्ठात्री, सुभग शीश सिन्दूर धारिणी।।
चन्द्र आभा सम सुशीतल आनन, सरसिज हार सुशोभिनीम्।
पीतवणा^ आनना महादेवि, बनिये मम उर गेह वासिनीम्।।
...
हे देवि! करते आवाहन, करुणा- कृपावर्षिणी,
सुख-वैभव ऐश्वर्य प्रदायिनी।
सकल सम्पत्ति अधिष्ठात्री महादेवी,
कनक माल मनहर धारिणी।।
...
हम करते अभिनँदन नमन, महादेवी,
साज सज पधारेंगी तुरँत अभी-अभी।
जगत अधिष्ठात्री देवी निवास करें,
निज करुणा नयन न मूँदें कभी।।
...