मिलने की कसक Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

मिलने की कसक

मिलने की कसक कभी न मिली,
जानेगा कैसे, क्या होता है,
प्यार!
मजा तो आता है तब,
जब करता कोई आशिक का पल-पल इँतजार ।

Monday, August 14, 2017
Topic(s) of this poem: love
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