जब भी आया तेरे दर पर,
हमेशा दरवाजे बन्द मिलते हैं,
तू तो अन्दर से झाँक लेता,
लेकिन
हम तो तुम्हें न देख पाते हैं,
शायद खुशनसुबों को
तेरे दर्शन मिल पायेंगे,
और
हम तो ईंतजार
करते-करते,
बिना देखे.ही,
मर जायेंगे।
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