महफूज रखना और सभी से, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

महफूज रखना और सभी से,

Rating: 1.0

दुआ देना, ऐ ख़ुदा,
याद आये मुझे केवल उनकी,
महफूज रखना और सभी से,
कभी न आये और किसी की।

Thursday, September 21, 2017
Topic(s) of this poem: love
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