मुहब्बत मत करना, यारों! Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

मुहब्बत मत करना, यारों!

मुहब्बत मत करना, यारों! यदि आराम से रहना है,
प्यार का नाम मत लेना, तब ही खुश जीवन में रहना है,
शुरुआत अच्छी होती, बाद होता आँटे -दाल का भाव मालूम,
कोरी कटारी कजरारी आँखों से बचना, 'नवीन' यदि हँसते रहना है।

Sunday, August 19, 2018
Topic(s) of this poem: love
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