सुमन को सुगंध बिखेरने के लिए न कहना पड़ता, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

सुमन को सुगंध बिखेरने के लिए न कहना पड़ता,

सुमन को सुगंध बिखेरने के लिए न कहना पड़ता,
यह उनका स्वभाव है;
दोस्ती में फर्ज नहीं बताना पड़ता,
एक -दूजे का हो जाता सहज निबा^ह है।

Sunday, August 4, 2019
Topic(s) of this poem: love
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