|| कीमती नहीं हूँ पर एक ही हूँ मैं || Poem by Anand Prabhat Mishra

|| कीमती नहीं हूँ पर एक ही हूँ मैं ||

अपनी ख्यालों में मुझे सम्भाल कर रखना
कीमती नहीं हूँ पर एक ही हूँ मैं
तेरे ही प्रेम के हर एक बूंद से बना हूँ
कहीं और नहीं तुम में हीं हूँ मैं
तुम्हारी खुशियों की मुख्य वजह तो मैं नही
लेकिन तुम्हारी मुस्कान में शामिल कहीं हूँ मैं
आसमान के इन सितारों में खोया हूँ कहीं
जहाँ भी हूँ लेकिन सिर्फ तेरा हीं हूँ मैं
सुनों भुला न देना एक पल में ही मुझे
तेरे हीं हृदय का एक हिस्सा सा हूँ मैं
अपनी ख्यालों में मुझे सम्भाल कर रखना
कीमती नहीं हूँ पर एक ही हूँ मैं..


-- आनन्द प्रभात मिश्र

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