छत्रपति संभाजी महाराज, एक नाम इतना भव्य,
एक योद्धा जो अपनी मातृभूमि के लिए लड़ा।
उनका शौर्य और साहस अतुलनीय है,
आजादी के लिए उनका प्यार बेजोड़ है।
शक्ति और गर्व के प्रतीक,
उनकी विरासत अभी भी दूर-दूर तक जीवित है।
वह अपने लोगों के लिए पूरी ताकत से लड़ा,
उनकी स्वतंत्रता के लिए, उन्होंने कभी हिम्मत नहीं खोई।
कुर्मी(मराठा) राजा की जय हो,
जिनकी कहानी हमेशा सुनायी जाती रहेगी।
छत्रपति संभाजी महाराज, एक सच्चे नायक,
उनका बलिदान और शौर्य हमेशा याद रहेगा।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem