Tum Ho Meri (तुम हो मेरी) Poem by Dhaneshwar Dutt

Tum Ho Meri (तुम हो मेरी)

दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा
तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा
मौसम है यह कितना सुहाना
मुझको दिल का है राज़ बताना
मैंने तुमसे प्यार किया है
तुमको अपना दिल यह दिया है
तेरी चाहत में हूँ दीवाना
तेरे संग जीवन है बिताना
दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा
तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा

तेरी यादें दिल को जलाये
रातो को मुझे नींद ना आये
दिल चाहता है करना बाते
जब आती है तेरी यादें
तेरे बिन तो मैं हूँ अधूरा
तुम मिल जाओ तो मैं हूँ पूरा
तेरे संग यह ज़िंदगी गुज़ारु
तुझको आपने दिल में छुपा लू
तुझको दिल के मैं राज़ बताऊ
तुझसे किया हर वादा निभाऊ
तुझसे मेरा यह रिश्ता है गहरा
हर पल दिखता है चेहरा तेरा
ज़िंदगी में है अब हर पल अँधेरा
तुम आजाओ तो होगा सवेरा
दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा
तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा

Tum Ho Meri (तुम हो मेरी)
Saturday, July 18, 2015
Topic(s) of this poem: romantic
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
First love story (पहले प्यार की कहानी)
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 24 December 2015

उत्कट प्रेम की लुभावनी अभिव्यक्ति को समेटे यह एक बेहतरीन रचना है. मुझको दिल का है राज़ बताना तेरे संग जीवन है बिताना दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा

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