Shiv Chandra

Diwali Poems
अंधेरे को धरा से,
मार भगाएं।
रहे जिनकी जिंदगी में,
सदा है अंधेरे।
उजाले न आए,
कभी न देखे सबेरे।
उन्हें आके फिर से,
सजाए-संवारें।
चलो एक दीया
अंधेरे को धरा से,
मार भगाएं।
रहे जिनकी जिंदगी में,
सदा है अंधेरे।
उजाले न आए,
कभी न देखे सबेरे।
उन्हें आके फिर से,
सजाए-संवारें।
चलो एक दीया