vijay gupta Poems

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81.
उम्र सत्तर की

उम्र सत्तर की

उम्र सत्तर की,
जीना दुश्वार है।
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82.
गिलहरी बेचारी

गिलहरी बेचारी

गिलहरी अठखेलियां कर रही है,
विकास की परिभाषा से अनभिज्ञ,
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83.
बदनुमा दाग

बदनुमा दाग

शाम ढली,
चरस की चिल्मो से धुए का गुब्बार उठा,
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84.
वाजिब दाम

वाजिब दाम

न जाने कब मिलेंगे ये वाजिब दाम?
न जाने कब रुकेगी किसानों
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85.
निवेदन

निवेदन

ए गर्म हवाओं शांत हो जाओ,
मेरा नन्हा महबूब स्कूल जा रहा है।
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86.
Rose

ROSE

Rose is worry,
Because Vihan and Manya are worry.
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87.
Vihan & Hungry Bird

Vihan & Hungry Bird

It was a cheerful morning.
Cool & mild breeze was blowing.
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88.
जानिये

"जानिये"
"दूर से कुछ चीजें सुहानी लगती है,
पास जाने पर उनकी हकीकत पता चलती है।"
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89.
वो भी एक इंसान है

वो भी एक इंसान है
हैरान हूं यह देखकर,
क्योंकि वह किलोल कर रहा।
खाट ना रजाई, पुआल में दबा
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90.
सावन आया रे

सावन आया रे
आसमान से बदरा बरसे,
धरती पर बरसे सावन।
मंद-मंद बहे समीर,
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