Ajay Srivastava Poems

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151.
आंसू

मेने बहुँत समझाया अपने आप को
अनुरोध न करु पर करा
थोडी सी मरहम का अहसास करा दू
पर फिर भी न रोक सका 11
...

152.
उडान

सपनो की उडान मे
हवा के थपेडो से
कभी एक दिशा
तो कभी दूसरी दिशा
...

153.
निर्भर

सुखे पेड हरे भरे हो
छाया का सुखद अनुभव
व फल का आनंद मिलता
किसानो के मुरझाये चेहरे
...

154.
हाथ

थाम लेते है तो सफर मे
समय का अहसास नही होता है
कलम ऊठा ले तो गीत व महाकाव्य बन जाते है
हथियार ऊठा ले तो रक्षक हो
...

155.
अस्तित्व

जब तक काली रात है
तब तब दिए की रोशनी
टिमटिमा कर राह दिखाती रहेगी
जब तक दुराचारी क्रूरता करगे
...

156.
माप- दंड

पहले चुनरी और साडी भी कम पडती थी
अब तो आधुनिक नारी को मिनी स्कर्ट भी बहुँत ज्यादा लगती है
पहले एक पुरष को एक नारी से संतुष्टि हो जाती थी
अब तो एक पुरष अनेक नारी से भी संतुष्टि नही होती
...

157.
आशीर्वाद

मेहनत से तुम न कभी डरो
सफलता तुम्हारी राह मे पलके बिछाए रहे
तुम आकाश की ऊचाई छू लो
अच्छाई से तुम हमेशा भरे रहो 11
...

158.
Thought

Sun set on part of universe
Rising other part of globe
Highly motivating symbol
...

159.
तराजू

ऐसा क्यों कर होता है
पहले दोष निकालते है
तकलीफ देते है
और फिर सूली पर चडा देते है
...

160.
बढे चलो

देश के सुनहरे भविष्य के लिए
देश के विकास और निरंतर प्रगति
देश को मेहनत और उद्यमी को
सबल बनाने की राह मे
...

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