वचन हम देते है|
नेतिकता को हम अपनाने को
दर्पण जो बनेगा भारतीयता का|
मार्ग की हर बाधा को दूर कर देगे|
तत्परता से हर कार्य को पूर्ण करेगे
राह हमारी शांति के लिए होगी|
मान इस भूभी का हम बडाऐगे
वरण कर लिया हे नेतिकता का
नयनो मे सपने हैआधुनिक भारत के
देख लिया है सशक्त भारत का स्वपन|
मांग समय ती यही है सशक्त भारत हमारा है|
त्याग देगे नफरत के रास्ते को
रंग देना है शांति और प्रगति के रंग मे
महका देना है भारत की वसुन्धरा को|
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