Akash Tripathi·Tuesday, January 19,2016
सूर्य तेज़ हो या पवन प्रचंड |
अग्नि देश हो या शिखर अनंत||
बिना थके बिना रुके |
...
किसके विरुद्ध चढ़ाउ प्रत्यंचा
हर पक्ष लांछन की आशंका
शौर्य या विजय
किसकी करू आकांछा
...
शूरवीर
Akash Tripathi·Tuesday, January 19,2016
सूर्य तेज़ हो या पवन प्रचंड |
अग्नि देश हो या शिखर अनंत||
बिना थके बिना रुके |
मुस्कान लिए हो वही घमंड||
ना जीत से न हार से ।
अमर तो तुम तो हो गए
ज्यो लड़ गए ॥
काल के ललाट पे|
लो तुम लिख गए ॥
हे कालजयी,
की मृत्यु में वो बल कहा,
जो रोक ले इस मगरूर को
फ़िरदौस सा फितूर मेरा
जो मात देदे मौत को ||