आज बहुतों की जुबां पे मेरा ज़िक्र हुआ,
हमारे भविष्य के बारे में उन्हें फ़िक्र हुआ,
कुछ कहते है कि मैं रस्ते से भटक गया हूं,
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कुछ रात के सपने भी बड़े सुनहरे होते है,
कुछ सपनो की परछाई बड़े गहरे होते है,
एक ख्वाब के साथ हम सपनो में उड़ रहे थे,
पहली बार मेरे ख्वाब अपनों में जुड़ रहे थे,
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