राइनोसोरस की तरह ही,
अब तुम्हारी यादें भी
संरक्षित हैं.............
ताख पर रखे
...
प्रयोगशाला
न्यूटन और आर्किमिडीज की
प्रयोगशालायें
क्रमशः
और विकसित हो
एक रोज इंसान को
चाँद तक ले जाती हैं,
धरती पर पिंकी को
स्माइल पिंकी बनाती हैं,
इन सबके बीच
वैज्ञानिक ईश्वर को
पछाड़ने की होड़ रखते हैं,
कपाटों में बंद ईश्वर
विज्ञानिओं की
हद तय करते हैं,
भीड़ भक्तिभाव से
ईश्वर का ध्यान करती है,
सहसा नेपथ्य से
आवाज आती है
प्रयोगशालाओं से आगे
दुनियाँ और भी है.……
पर्दा गिर जाता है ॥