Arjun Sharma

Arjun Sharma Poems

दुनिया का वह वीर जगत में,
अद्वित्य वे वीर कहलाया,
नाम उसका राम कहलाए,
हाथ में उसके फरसा आए,
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ब्राह्मण कौन है?
सामान्य कौन है?

आओ बताता हूँ....
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🔴. प्रति वर्ष दशहरे के ठीक 21 दिन बाद ही दीपावली क्यों आती है?
क्या कभी आपने इस पर विचार किया है।
विश्वास न हो तो कैलेंडर देख लीजिएगा।
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यह कविता अर्जुन शर्मा के द्वारा लिखी गई है।यह एक कविता नहीं बल्कि साक्षात सही घटना है जिसे हर एक महिला में यह सारे गुण होते हैं।
➡️ ✍️.. स्त्री यदि बहन है तो प्यार का दर्पण है.. स्त्री यदि पत्नी है तो खुद का समर्पण है... स्त्री अगर भाभी है तो भावना का भंडार है.. मामी मौसी बुआ है तो स्नेह का सत्कार है.. स्त्री यदि काकी है* तो कर्तव्य की साधना है.. स्त्री अगर साथी है तो सुख की शतत संभावना है..और अंतिम पंक्ति.. स्त्री यदि 'माँ' है तो साक्षात ' परमात्मा ' है।।।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की अनन्त शुभकामनाएं.. 🤗
🙏 हरि ૐ जी 🌹
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The Best Poem Of Arjun Sharma

भगवान परशुराम न्यू कविता By Arjun Sharma

दुनिया का वह वीर जगत में,
अद्वित्य वे वीर कहलाया,
नाम उसका राम कहलाए,
हाथ में उसके फरसा आए,
नाम उसका परशुराम हो जाए।।
||जय दादा परशुराम||

जमदग्नि का पुत्र कहलाया,
रेणुका का राज दुलारा,
क्षत्रिय कुल का किया विनाश,
विष्णु का है वह अवतार।।

Arjun Sharma Comments

Arjun Sharma Quotes

ब्राह्मण कुल में की अवतार, विष्णु के छठे अवतार, तीनों लोकों में हो जय जयकार, शिव का हो शिव का हो महा भग्तकार, नाम हो उसका परशुराम।। ।। जय दादा परशुराम।। सभी से निवेदन है कि यह एक कहानी है तथा इसको एक कहानी ही समझे और निवेदन है किस को जातिवाद के रूप में ने देखें की एक कहानी लिखी गई है और सिर्फ इसको कहानी के ही नजरिए से देखें आप यह मत सोचिए कि एक जातिवाद के जरिए से लिखी गई है ।।जय श्री राम।।

Pandit4517_ एक बिजनेस हैं। जिसका संचालन अर्जुन शर्मा के द्वारा किया जाता है। तथा इसमें कविता, न्यूज चैनल, पत्रकार, सोशल मीडिया, रिपोर्टर्स, कहानी संग्रह, कथा सार, सेलिंग, सामान बेचने आदि इस बिसनेस में काम किए जाते हैं। अभी यह बिजनेस थोड़ा छोटा हैं तथा यह धीरे धीरे उन्नति कर रहे हैं।

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