शोर मची है है हंगामा हिन्दू मुस्लिम कहते हैं
ढोंगी मदारी गिरगिट जैसे लोग यहाँ भी रहते हैं
जिन्होंने अपनी बीवी को भी इज़्ज़त ना सम्मान दिया
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सदभाओ का पैग़ाम है बिहारी एलेक्शन
हिंदू ना मुसलमान है बिहारी एलेक्शन
नफ़रत की सियासत को हम पहचान गए हैं
जनता का है फ़रमान ये बिहारी एलेक्शन
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मैं दुआओं का तेरे तलबगार हूँ
तेरी फ़ुर्क़त के ग़म में मैं बेज़ार हूँ
किस्से अपनी सुनाऊँ दिल-ए-दास्ताँ
तुझसा ग़मख़ार मेरा ना है राज़दाँ
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(रे बदरा रे)
घटा घनघोर बन कर गरजता क्यों फ़क़त है
पता है जानता हूँ मेरे घर पे ना छत है
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किस रस्ते पर चल बैठे हम हरसू गहरी खाई है
चारों तरफ़ नफ़रत की आंधी काली घटाएं छाई है
कोई तो आए राह दिखाए ज़हरीली आंधी से बचाए
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ख़तरे में हर भाई है
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ग़फ़लत की चकाचौंध में मदहोश है दुनियां
बेहोश को भी होश में लाएंगे ज़लज़ले
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कौड़ी से भी जान यहाँ पे सस्ती है
चारों तरफ़ सुनसान फ़िज़ा और पस्ती है
कोई ना खेबनहार भंवर में नैया का
घेरे हुआ तूफ़ान हमारी कश्ती है
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मिट्टी के घर में रहते थे इंसान खो गए।
पोख़तह मकान होते ही पत्थर के हो गए।
माँ बाप के लिए है खुला वृद्धा आश्रम।
ख़िदमत करेगा कौन वो सत्तर के हो गए।
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बचपन और बुढ़ापे में अजब सा एक नाता है
लुटा कर ज़िन्दगी बच्चों पे बूढ़ा मुस्कुराता है
जिगर के ख़ून से सींचा शजर फलदार होने तक
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अमल करना था जिस क़ुरआन की आयात पर हमको
उसे हमने फ़क़त अब तक दुआओं में पुकारा है
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देश की रक्षा करने वाला पहने के वर्दी ख़ाकी
करता है बेख़ौफ़ हिफ़ाज़त जबतक जान है बाक़ी
सरहद के वीरों की तरह हम अपना फ़र्ज़ निभाएंगे
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भारत माता की जय कह कर देश भक्त कहलाएंगे
नाम बदल कर देश का अपने स्विटज़रलैड बनाएंगे
अपनी मां की फ़िकर नहीं वह वृध आशरम जाएगी
गौ माता की फ़रज़ी सेवा, करके रक्त बहाएंगे
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क़ुरबान तुझपे जाऊं निछावर करूं ये जान
ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम ।
हर नौजवां के दिल में तुमहीं सा जोनून हो
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पानी में छुप्पुर छइयां सइयाँ ओ मोरे सइयाँ
डोलो ना मोरे संग संग संग मोहे सइयाँ
बूंदों की लड़यां जो छूए है तन मन को
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रीत है कैसी प्रीत है कैसी, कैसी सोच हमारी
गुमसुम गुमसुम डरी डरी सी ख़ौफ़ज़दह है नारी
गली मोहल्ला घर दरवाज़ा गाओं शहर में लोगो
फैल रही है माँ बहनों में दहशत की बीमारी
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मस्तीइइ का मौक़ा है चढ़ती जवानी है
रूप का राजा कोई रूप की रानी है
कोई माला माल तो कोई कंगाल
किसको पता यारो हैं जीने कितने साल
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आओ निकल कर सामने किरदार दिखादो
भटके हुए राही को कोई राह दिखा दो
करनेलगेगा ख़ुद-बा-ख़ुद वोह आसमां कि सैर
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हम देश की युवा पीढ़ी हैं हमें दुनिया में छा जाने दो
नई नौकरी दे ना पाए पहले की रहजाने दो
लोलिपॉप, ये जुमले, वादे पेट नहीं भर पाएंगे
मेहनत, लगन, ख़ुद्दारी से दो वक़्त की रोटी खाने दो
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ओ मेरे बंधू सखी सहेली
मानवता परगई अकेली
कल तक आलिशान महल था
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तोतली आवाज़ वाले तू मेरा जहान है
तू मेरी सुनहरी धरती नीला आसमान है
तू है मेरे दिल की धड़कन तूही मेरी जान है
रौशनी है नैनों की तू, तूही पहचान है
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शोर मची है है हंगामा हिन्दू मुस्लिम कहते हैं
शोर मची है है हंगामा हिन्दू मुस्लिम कहते हैं
ढोंगी मदारी गिरगिट जैसे लोग यहाँ भी रहते हैं
जिन्होंने अपनी बीवी को भी इज़्ज़त ना सम्मान दिया
ऐसे लोग महिलाओं के हक़ की बातें करते हैं
हम अहले ईमान हमारी ये पहचान शरीअत है
जीने का हर तौर तरीक़ा अमल ईमान शरीअत है
ये जुरअत तरमीम की तेरी जान मेरी लेसकती है
दख़्ल शरीअत में हरगिज़ मंज़ूर नहीं करसकते हैं
By: नादिर हसनैन
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