Neelkamal Vaishnaw Poems

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1.
नसीब

वो मौसम वो बहार उसके सामने सब कम थी,
साथ गुज़ारा हुआ वक्त वो फिजा सब कम थी,
दूर तो आखिर तुम्हे होना ही था ऐ 'अनिश',
क्योंकि इन हाथों में मुहब्बत कि लकीरें जो कम थी...
...

2.
Haqiqat

देखा एक ख्वाब तो
ऐसा लगा की तुम हो
मेरे बहुत करीब
इतने करीब के एक दूजे की
...

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