देखा एक ख्वाब तो
ऐसा लगा की तुम हो
मेरे बहुत करीब
इतने करीब के एक दूजे की
साँसें आपस में टकरा रही थी
पर जब अथार्थ की धरा पर
वापस आया तो अहसास हुआ
कि मैं तो बिस्तर से गिर कर
जमीन पर था पड़ा हुआ
मैं खुद पर हंसा और सोचा
कि दुनिया में तो बहुत सारे
है लोग पर क्यों कर याद
आ जाती है वह ही मुझे
जब भी याद आती है वह मुझे
हमेशा रुला सी जाती है
आज उसे भी अहसास हो रहा होगा
मुझसे दूर जाकर
वह भी बहुत दुखी हो रही होगी
मेरा प्यार न पाकर.........
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