Neelkamal Vaishnaw

Neelkamal Vaishnaw Poems

वो मौसम वो बहार उसके सामने सब कम थी,
साथ गुज़ारा हुआ वक्त वो फिजा सब कम थी,
दूर तो आखिर तुम्हे होना ही था ऐ 'अनिश',
क्योंकि इन हाथों में मुहब्बत कि लकीरें जो कम थी...
...

देखा एक ख्वाब तो
ऐसा लगा की तुम हो
मेरे बहुत करीब
इतने करीब के एक दूजे की
...

The Best Poem Of Neelkamal Vaishnaw

नसीब

वो मौसम वो बहार उसके सामने सब कम थी,
साथ गुज़ारा हुआ वक्त वो फिजा सब कम थी,
दूर तो आखिर तुम्हे होना ही था ऐ 'अनिश',
क्योंकि इन हाथों में मुहब्बत कि लकीरें जो कम थी...

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